केंद्रीय बजट 2022 से बंगाल के उद्योग जगत को बड़ी उम्मीदें

केंद्रीय बजट 2022 से बंगाल के उद्योग जगत को बड़ी उम्मीदें

कोलकाता: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार, 1 फरवरी, 2022 को केंद्रीय बजट पेश करने के लिए तैयार हैं। आइए एक नजर डालते हैं कि बंगाल के उद्योग जगत को आगामी बजट से क्या उम्मीदें हैं:

कुलदीप माईती, एमडी एवं सीईओ, विलेज फाइनेंसियल सर्विसेस (वीएफएस): माइक्रोफाइनेंस उद्योग देश में निम्न वर्गों को वित्तीय पहुंच प्रदान कर वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन पिछले दो वर्षों में महामारी ने माइक्रोफाइनेंस संस्थानों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम वर्ग के एमएफआई के व्यवसाय संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। ऋण वितरण और संग्रह क्षमता में काफी गिरावट आई थी। हालांकि, संग्रह दक्षता में सुधार और वितरण राशि में वृद्धि के साथ क्षेत्र में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं। एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी की द्वारा जारी एक हालिया रिपोर्ट ग्रामीण क्षेत्रों से अच्छी मांग और बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के कारण आने वाले दिनों में माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के लिए बेहतर विकास संभावनाओं का संकेत देती है। लेकिन सामान्य स्थिति हासिल करने और उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए, एमएफआई संस्थानों को सरकार से लिक्विडटी सहित दूसरे सहयोगों की आवश्यकता होगी। इसे ध्यान में रखते हुए, हम इस बजट से  महामारी से प्रभावित माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र के लिए क्रेडिट गारंटी योजना का विस्तार के साथ 10,000 करोड़ रुपये के नए आवंटन जिसमे पूर्व और उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए उच्च प्रावधान हो , की पहल का स्वागत करेंगे। पिछले साल जून में घोषित क्रेडिट गारंटी योजना ने इस कठिन समय में सबसे छोटे उधारकर्ताओं को ऋण की सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और इसलिए वित्त वर्ष 2023 तक नए आवंटन के साथ इसका विस्तार करने से उच्च वित्तीय समावेशन और पिरामिड के निचले भाग के परिवारों अधिक लाभ मिलगा। इसके अलावा, यह एमएफआइ संस्थानों को अपनी पहुंच का विस्तार करने तथा अधिक संख्या में महामारी से प्रभावित गरीब परिवार, जो अपनी आजीविका को पुनर्जीवित करने के लिए आपातकालीन ऋण की तलाश में हैं उन तक अपनी सेवा पंहुचा सकता है।

अलोक बिस्वास, एमडी एवं सीईओ, जनकल्याण फाइनेंसियल सर्विसेस: एमएफआई उद्योग वित्तीय समावेशन, विशेष रूप से अंतिम मील तक ऋण वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इस महामारी में, निम्न वर्ग की  आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है और इस समय उन्हें फंड्स की समस्या का भी सामना करना पर रहा है। इसलिए हम बजट से उस वर्ग को मदद के लिए एमएफआई उद्योग के लिए विशेष पहल का स्वागत करेंगे। महामारी के कारण अधिकांश छोटे एमएफआई (मतलब 500 करोड़ से कम) लिक्विडिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं, उनके संग्रह क्षमता में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। 2023 तक एमएफआई  के लिए  क्रेडिट गारंटी योजना का विस्तार  एक समाधान है। सरकार के द्वारा एमएफआई क्षेत्र के लिए, पूर्ववर्ती आईएमईएफ जैसे क्वासि इक्विटी की पहल भी सराहनीय कदम होगा।

राज अग्रवाल, निदेशक, सूर्या फ़ूड फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड: हम महामारी से प्रभावित खाद्य क्षेत्र (फ़ूड सेक्टर), विशेष रूप से खाद्य क्षेत्र के छोटे उद्दोगों के लिए बजट में उनके उभरने और बढ़ने के उपायों का स्वागत करेंगे। यह क्षेत्र कोविड के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है और इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर छंटनी भी देखी गई। इस क्षेत्र को वापस पटरी पर लाने के लिए सरकार से मदद की जरूरत है। बजट में फ़ूड सेक्टर पर लिए गए कदम से न केवल इस क्षेत्र को, विशेष रूप से छोटी कंपनियों को, वापस उछाल देने में मदद कर सकते हैं बल्कि आगे बढ़ने और आजीविका उत्पन्न करने में मदद कर सकते हैं। हम सरकार से छोटी कंपनियों को बढ़ने में मदद करने के लिए जीएसटी स्लैब को कम करने का भी आग्रह करेंगे। हमें उम्मीद है कि माननीय वित्त मंत्री जी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मजबूत बजट पेश करेंगी।

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