नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती उत्सव के लिए मित्रों ने आईएनए ट्रस्ट से हाथ मिलाया

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती उत्सव के लिए मित्रों ने आईएनए ट्रस्ट से हाथ मिलाया

कोलकाता: देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष मनाने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में भारतीय शॉर्ट फॉर्मैट वीडियो ऐप मित्रों ने #नेताजी125 नामक एक कैंपेनशुरू किया है। इस कैंपेन का उद्देश्य भारत की आज़ादी की लड़ाई में सबसे प्रमुख और अहम स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देना है। यह कैंपेन 26 जनवरी, 2021 को समाप्त होगा।

इस कार्य के लिए मित्रों ने आईएनए ट्रस्ट से हाथ मिलाया है। आईएनए ट्रस्ट की स्थापना सुभाष चंद्र बोस की यादों को जीवित रखने और उनके विचार और दर्शन को भारत के युवाओं तक पहुंचाने के मकसद से की गई थी।

इस कैंपेन के तहत मित्रों यूज़र्स और जानी-मानी हस्तियों ने नेताजी के जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर वीडियो बनाए हैं। इन दिलचस्प वीडियोज़ में आज के समाज में नेताजी के विचारों की प्रासंगिकता, उनकी मृत्यु से जुड़ी साजिशों के अलावा नेताजी के प्लेन क्रैश में जीवित बचने की संभावनाओं पर भी बात की गई है। कई यूज़र्स ने प्लेटफॉर्म पर यह भी पूछा है कि ‘अगर आज नेताजी जीवित होते तो क्या होता?’।

मित्रों के सीईओ एवं को-फाउंडर, शिवांक अग्रवाल ने कहा, “#नेताजी125 कैंपेन के ज़रिए मित्रों उनकी बहादुरी और भारत प्रेम की भावना को और मज़बूत करना चाहता है। आईएनए ट्रस्ट के साथ जुड़ना और अब तक के सबसे बड़े स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धांजलि देना हमारे लिए सम्मान की बात है।”

नेताजी सुभाष बोस-आईएनए ट्रस्ट के बिग्रेडियर (रिटा.)आर एस छिकारा ने कहा, “नेताजी की 125वीं जयंती एक महत्वपूर्ण अवसर है जब हम हर किसी को उनकी विरासत से अवगत करा कर उनकी यादों को जीवंत रख सकते हैं। इस कैंपेन के लिए मित्रों के साथ जुड़कर हम खुश हैं क्योंकि यह हमारी प्रकृति से मेल खाता है। मित्रों और हमारी जोड़ी बिल्कुल सही है क्योंकि इसके साथ हम देश भर के युवाओं तक उनके पसंदीदा माध्यम के ज़रिए पहुंचकर उनसे जुड़ सकते हैं।”

आईएनए ट्रस्ट का प्रमुख ध्येय आज के युवाओं में नेताजी के बुनियादी सिद्धांतों जैसे देशभक्ति, राष्ट्रवाद, स्व-अनुशासन और समाज सेवा जैसे गुणों को बढ़ावा देना है। इस पहल के ज़रिए आईएनए ट्रस्ट भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने का इरादा रखता है, ताकि वे सुभाष चंद्र बोस के दर्शन को ध्यान में रखते हुए एक स्वतंत्र भारत का निर्माण कर सकें।

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