कोलकाता: एशियन पेंट्स अपनी वार्षिक शरद शम्मान फिल्म से साल 2021 में नये रंग भर रहा है। यह फिल्म त्यौहार के वास्तविक सार पर रोशनी डालती है। इस प्यारी फिल्म का टाइटल ‘बारिर लोक’ भी बिलकुल सटीक है, जिसका मतलब है ‘घर के लोग’। हर साल देशभर में लोग पूजो के लिये इकट्ठे होते हैं, ताकि ऐतिहासिक परंपराओं के माध्यम से संस्कृति और सृजन की शक्ति का उत्सव मना सकें।
हालिया समय में महामारी के कारण हममें से ज्यादातर लोगों ने घर के महत्व को बखूबी समझा है, क्योंकि वह हमारे लिये एक सुरक्षित जगह होता है। एक स्वर्ग, जहाँ हमने अपना अधिकांश समय बिताया है। एशियन पेंट्स शरद शम्मान हम सभी को खुद के साथ-साथ अपने घरों की देखभाल करने की याद दिलाने की कोशिश कर रहा है। इस संदेश के लिये ‘बारिर लोक’ को माध्यम बनाया गया है। इस फिल्म का दिल को छू लेने वाला पार्श्वसंगीत कम्पोजर-सिंगर अनुपम रॉय ने दिया है।
एशियन पेंट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ अमित सिंगले ने कहा, “एशियन पेंट्स शरद शम्मान साल 1985 से कोलकाता के दिलों में रचा-बसा है। यह एक सुंदर परंपरा है, जो दुर्गा पूजो के साथ-साथ चलती है। हर साल एशियन पेंट्स शरद शम्मान की फिल्में हमें एकजुटता और भावपूर्ण त्यौहारों की खूबसूरती का जश्न मनाने का मौका देती हैं। हम उस विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, जो हमने अपने ढंग से देवी दुर्गा का सम्मान करते हुए निर्मित की है। इस साल हम लोगों को यह याद दिलाने का मौका नहीं खोना चाहते थे कि हमारे घर हमारा ही विस्तार हैं। एक सुरक्षित स्वर्ग, जहाँ हमें महामारी के दौरान आश्रय मिला। हमें अपने घरों की देखभाल करना और उन्हें रोशनी से भरना ही चाहिये, जैसा कि हम अपने प्रियजनों और खुद के लिये करते हैं।“
अमित सिंगले ने कहा, “यह फिल्म इस बात को मर्मस्पर्शी ढंग से दिखाती है। ‘बारिर लोक’ दिखाती है कि हमें अपने रहने की जगहों की थोड़ी नहीं, बल्कि पूरी देखभाल करना चाहिये, क्योंकि उन्हीं से पता चलता है कि हम कौन हैं और कहाँ से आते हैं। इस फिल्म में एक परिवार त्यौहार की सजावट के लिये अपने घर के हर भाग पर बड़ी खूबसूरती से एशियन पेंट्स के अलग-अलग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी करता है।“
फिल्म की शुरूआत एक छोटी-सी लड़की मिन्नी से होती है, जो अपने कमरे को स्केच कर रही होती है, तभी उसकी माँ आवाज देती है। वह बाहर जाकर देखती है कि उसकी दादी, माँ और काकी नये कपड़े देख रही हैं और बातें कर रही हैं। फिर मिन्नी की दादी उसे और उसके भाई को नये कपड़े देती हैं और मिन्नी पूछती है ‘क्या आप निलॉय को कुछ नहीं देंगी?’ दर्शक भ्रम में पड़ जाते हैं, लेकिन मिन्नी की चिंता उसकी दादी के दिल को छू लेती है।
अगले कुछ दिन पूरा परिवार मिलकर अपने घर को पूजो के लिये एशियन पेंट्स के कई प्रोडक्ट्स से आकर्षक और मायने रखने वाली सजावट देता है। आखिरकार वह दिन आता है, जब पता चलता है कि ‘निलॉय’ उनके घर का नाम है और छोटी-सी मिन्नी को उसका नया लुक बहुत पसंद आता है। वह खुशी से घर की दीवार को गले लगाती है और फिर अपनी दादी को भी।