कोलकाता: लिंग समानता को सुनिश्चित करने वाले समावेशी दुनिया की शुरूआत इस आधार पर होती है कि आप किस तरह भेदभाव एवं रूढ़ीवादी अवधारणाओं को चुनौती के रूप में चुनते हैं। महिलाओं के लिए अपने जीवन के विकल्प खुद तय करना और आज़ादी से सोचना बहुत महत्वपूर्ण है और कम उम्र से ही उनमें इस भावना को विकसित करना चाहिए। इस अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आईटीसी विवेल ने इस साल की थीम ‘चूज़ टू चैलेंज’ के आधार पर इसी परिप्रेक्ष्य को प्रोत्साहित किया है। अब समझौता नहीं के दृष्टिकोण के साथ विवेल आने वाले कल की महिलाओं को एक ऐसे भविष्य के लिए प्रेरित करता है जहां वे निष्पक्ष और भेदभाव रहित वातावरण पर खुल कर बातचीत कर सकें और आत्मविश्वास के साथ उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ सकें।
बचपन से ही महिलाओं के साथ रूढ़ीवादी अवधारणाओं और लिंग पक्षपात से युक्त व्यवहार किया जाता है। इस महिला दिवस विवेल की यह पहल इन अवधारणाओं को तोड़ कर उन्हें एक बदलावकारी यात्रा की शुरूआत के लिए प्रेरित करती है, खासतौर पर लड़कियों को कम उम्र से ही सकारात्मक व्यवहार एवं आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।
यह अभियान इस बदलावकारी यात्रा का महत्व दर्शाता है और हर व्यक्ति को महिलाओं के इन सपनों एवं महत्वाकांक्षाओं को साकार करने में योगदान के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर एक दर्शायी गई एक डिजिटल फिल्म भी इस बात पर ज़ोर देती है कि बच्चों को बचपन से ही लिंग पक्षपात के दायरे से बाहर रखकर उनकी अपनी पसंद, महत्वाकांक्षाओं पर बातचीत करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। बच्चे अपनी महत्वाकांक्षाओं और विशेषताओं को लिंग के चश्मे से नहीं देखते, उनकी सोच की कोई सीमा नहीं होती। तो उनकी सोच को लिंग भेदभाव के दायरे में क्यों बांधा जाए? आईटीसी विवेल इसी बदलाव को बढ़ावा देकर कम उम्र से ही आत्मविश्वास और आज़ादी की भावना को प्रोत्साहित करता है।
कुछ सबक बचपन में ही सिखाए जाने चाहिए। इसी के मद्देनज़र इस अवसर पर ‘विवेल वॉइस ऑफ आर्ट जूनियर’ एडीशन का लॉन्च भी किया गया। पिछले साल ब्राण्ड के अभियान ‘वॉइस ऑफ आर्ट’ के माध्यम से रोज़मर्रा के जीवन में ऐसे विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया गया था। यह अभियान कम उम्र के कलाकारों को एक ही मंच पर लाया और इसने कला के माध्यम से समानता सुनिश्चित करने का प्रयास किया। इस साल ब्राण्ड ने बच्चों को ‘अनकंडीशनिंग’ के लिए आमंत्रित किया है। ब्राण्ड अभिभावकों से आग्रह करता है कि अपने बच्चों में आत्मविश्वास उत्पन्न करें, जो उन्हें मजबूत, बेजोड़ और खूबसूरत बनाए। अभिभावक ब्राण्ड के सोशल मीडिया पेज पर कला के इस मंच क माध्यम से अन्य अभिभावकों को भी अनूठे तरीके से सोचने और जीवन में रंग भरने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
विवेल का मानना है कि ‘कोई समझौता नहीं’ की यात्रा अपने आप में अनूठी और महत्वपूर्ण है। विवेल वॉइस ऑफ आर्ट जुनियर अभियान ८ मार्च से २१ मार्च तक चला।