कोलकाता: वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सहयोगी संगठन द श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप और जुबिलैन्ट भरतिया फाउंडेशन ने प्रवाह और कॉमम्यूटिनी यूथ कलेक्टीव की अशरफ़ पटेल को ‘द सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ द इयर’ (एसईओवाई) अवार्ड इंडिया 2020 का विजेता घोषित किया हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा एक वर्चुअल समारोह में अशरफ़ पटेल को सम्मानित किया गया।
स्मृति ईरानी, महिला और बाल विकास एवं वस्त्र मंत्री, भारत सरकार ने कहा, ‘‘मैं उन सभी सामाजिक उद्यमियों को बधाई देना चाहती हूँ, जिन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए सम्मानित जूरी द्वारा विचार किया गया है। यह पुरस्कार आज हमारे देश के बाकी हिस्सों को उजागर करता है, कि करुणा न केवल सबसे प्रिय है, बल्कि समान रूप से एक लाभदायक व्यवसाय कौशल भी है। जो लोग इस मंच पर आए हैं वे डिजिटल इंडिया के चैंपियन हैं।’’
द श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप के सह-संस्थापक प्रो क्लाउस श्वाब ने कहा, ‘‘द वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम इस वैश्विक महामारी के विरूद्ध लड़ाई में अपना काफी योगदान दे रहा है। हमारी गतिविधियों में मैं भारत का बहुत अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुत उत्सुक हूँ, क्योंकि भारत भविष्य को आकार देने में एक प्रमुख शक्ति है, और इसमें इसे बहुत प्रमुखता से शामिल होना होगा।’’
हिल्डे श्वाब, अध्यक्ष एवं संह-संस्थापक द श्वाब फाउंडेशन फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप ने कहा, ‘‘इस साल सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ द इयर इंडिया अवार्ड के विजेता और अंतिम दौर के फाइनलिस्ट, वे सभी इस बात की मिसाल देते हैं कि हमारा समुदाय किस बारे में है – वे ऐसे अभिनेता जिन्होंने निस्वार्थ रूप से अपने जीवन को अपने आसपास की दुनिया को बेहतर बनाने के लिए समर्पित किया है।’’
जुबिलैन्ट भारतीय फाउंडेशन की ओर से श्याम एस भरतिया और हरि एस भरतिया ने कहा, ‘‘इस साल, वैश्विक महामारी के कठिन समय के बावजूद, हमें 100 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें एक तिहाई से अधिक आवेदक तो महिला उद्यमी उद्यमी हैं। यह देखकर खुशी हो रही है कि इस वर्ष के फाइनलिस्टों ने अपने अभिनव विचारों और दृष्टिकोण के साथ अपने स्वयं के क्षेत्रों में बड़ा बदलाव किया है।’’
एसईओवाई अवार्ड इंडिया 2020 विजेता – अशरफ़ पटेल भारत में एक पीढ़ी के प्रति सहानुभूति, संवेदनशील युवा परिवर्तकों के विकास के माध्यम से क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं। वे ऐसा मनो-सामाजिक हस्तक्षेपों के माध्यम से कर रही हैं, और उन्हें अधिक समावेशी पहचान और समाजों को बनाने में मदद कर रहे हैं।