शिलांग: देश का सबसे बड़ा बाल देखभाल गैर-सरकारी संस्थान, एस.ओ.एस. चिल्ड्रेन्स विलेजेज़ ऑफ इंडिया (एस.ओ.एस.सी.वी.आई.) जो उन बच्चों के कल्याण के प्रति समर्पित है, जो अपने माता-पिता खो चुके हैं या जिनपर उनकी देखभाल खोने का खतरे मंडरा रहा है, उसने माता-पिता की देखभाल से वंचित हुए 50 बच्चों को व्यक्तिगत पालन-पोषण देखभाल प्रदान करने हेतु पाँच साल के कार्यक्रम को तैयार करने और लागू करने के लिए मेघालय सरकार के साथ एक सहमति पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए हैं। महासचिव सुमंत कर, एस.ओ.एस. चिल्ड्रेन्स विलेजेज़ ऑफ़ इंडिया, और डी.डी.शिरा, एम.सी.एस, समाज कल्याण निदेशक, मेघालय, शिलांग के द्वारा हस्ताक्षर किए गए, एक प्रेस रिलीज़ के अनुसार।
व्यक्तिगत पालन-पोषण संबंधी देखभाल परिवार आधारित देखभाल का एक ऐसा रूप होता है जिसमें बच्चों को उनके अपने परिवारों के अलावा दूसरे परिवारों में पाला जाता है। कार्यान्वयन संस्था और तकनीकी सहयोगी के तौर पर, एस.ओ.एस.सी.वी.आई. मेघालय सरकार को रिभोई और पूर्वी खासी हिल्स ज़िलों और इसके आसपास के क्षेत्रों में इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित किए गए बच्चों और उनकी देखभाल करने वालों व्यक्तियों की सहायता करने में सहयोग प्रदान करेगा। बच्चों को समाज में शुरुआत में थोड़े समय के लिए उनके रिश्ते वाले नहीं परंतु उपयुक्त परिवारों में रखा जायेगा, जिसे कि समय-समय पर बढ़ाया जा सकता है जब तक कि बच्चा 18 वर्ष की आयु का नहीं हो जाता।
एस.ओ.एस.सी.वी.आई. के महासचिव सुमंत कर ने मेघालय सरकार के साथ समझौता ज्ञापन के बारे में बोलते हुए कहा, “इस व्यक्तिगत पालन-पोषण देखभाल के प्रोजेक्ट पर मेघालय सरकार के साथ संबद्ध होना एक बड़े सम्मान और स्वाधिकार की बात है। हमें अपने चिल्ड्रेन्स विलेजेज़ में सामूहिक पालन-पोषण देखभाल मॉडल के साथ-साथ हर ज़रूरतमंद बच्चे के लिए वैकल्पिक देखभाल के अन्य मॉडलों के तहत उन बच्चों को देखभाल प्रदान करने का कई दशकों का अनुभव है जिन्हें अपने माता-पिता की देखभाल नहीं मिल पाती है। इस राज्य में हमारी पहले से ही अच्छी उपस्थिति है। एस.ओ.एस. चिल्ड्रेन्स विलेज शिलॉन्ग जिसे वर्ष 1999 में स्थापित किया गया था, उसमें 12 परिवारिक घरों में 127 बच्चों को आश्रय प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 500 से अधिक बच्चे समुदाय-आधारित परिवार सशक्तिकरण कार्यक्रम के ज़रिए हमारी सीधी देखभाल में हैं। हम किनशिप केयर कार्यक्रम के ज़रिए 15 परिवारों के 22 बच्चों को भी सहयोग प्रदान कर रहे हैं। पचास वर्षों से अधिक समय तक हमने जो जानकारी और योग्यता प्राप्त की है, वह हमें इस परियोजना को सुचारु ढंग से पूरा करने में मदद करेगी। बच्चों को उनकी आवश्यकता के आधार पर विभिन्न प्रकार के देखभाल के समाधानों की ज़रूरत होती है और यह परियोजना उसी दिशा में किया गया एक प्रयास है।”
उन्होंने बताया कि एस.ओ.एस.सी.वी.आई. पालन-पोषण, सामाजिक, भावनात्मक, बाल सुरक्षा और संचार कौशल सहित आवश्यक कौशलों के साथ देखभाल प्रदान करने वाले व्यक्तिओं को सशक्त बनाने पर ध्यान देगा, ताकि बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए उनके देखभाल के तौर-तरीकों में अधिकार आधारित दृष्टिकोण लाया जा सके। पंजीकरण के 3 महीने के भीतर हर परिवार/बच्चे के पास उसका अपना एक संरक्षक/प्रशिक्षक होगा। इस गैर-सरकारी संस्थान के तकनीकी विशेषज्ञ और क्षेत्र कार्यकर्ता भी बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे और उनके भविष्य की तैयारी और उच्च शिक्षा में बच्चों की सहायता करने के अलावा विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित करके उनके समग्र विकास की सुविधा प्रदान करेंगे। यह गैर-सरकारी संस्थान बच्चों और उनके परिवार की प्रगति पर नज़र रखने और उसे दर्ज करने के लिए हर तीन महीनों में अपने कर्मचारियों द्वारा उनके घर जाने की व्यवस्था करेगा। यह हर 6 महीने में एक बार कार्यक्रम की समग्र प्रभावशीलता का आँकलन करेगा और जहाँ आवश्यक हो, वहाँ पाठ्यक्रम में सुधार करेगा।
एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर करते हुए, श्री डी. डी. शीरा, एम.सी.एस., समाज कल्याण निदेशक, मेघालय, शिलॉंग ने कहा, “समाज कल्याण विभाग को बच्चों के अधिकार प्रदान करने के लिए एस.ओ.एस. चिल्ड्रेन्स विलेजज़ के साथ मिलकर काम करने में प्रसन्नता हो रही है।”
इस एम.ओ.यू. के अनुसार, एस.ओ.एस.सी.वी.आई. सभी बच्चों के लिए स्कूल में दाख़िला सुनिश्चित करेगा और कार्यक्रम में उनके पंजीकरण कराए जाने के पहले दो महीनों के भीतर उन्हें अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता प्रदान करेगा। मेघालय स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसाइटी पालन-पोषण करने योग्य माता-पिता की सूची उनके संपर्क सूत्रों के साथ उन बच्चों की जानकारी एस.ओ.एस.सी.वी.आई. को उपलब्ध करायेगी जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता है।
सरकार बच्चों की देखभाल के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करेगी – पालन-पोषण करने वाले माता-पिता को सरकारी मानदंडों के अनुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि मेघालय सरकार ने एक स्पॉन्सरशिप एंड फॉस्टर केयर फंड की समीक्षा और अनुमोदन के लिए पहले से ही हर जिले में एक स्पॉन्सरशिप एंड फॉस्टर केयर अप्रूवल कमिटी की स्थापना की है। समाज कल्याण निदेशक और एस.ओ.एस.सी.वी.आई. सदस्यों की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति, समय-समय पर निगरानी करेगी और रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और बच्चों के रिकॉर्ड रखेगी। इस पायलट परियोजना के सफल समापन पर, एस.ओ.एस.सी.वी.आई. के सहयोग से इस परियोजना को राज्य के अन्य जिलों में विस्तारित किया जायेगा और दोहराया जायेगा।