गुवाहाटी/ईटानगर: कन्ज़्यूमर हेल्थकेयर में ग्लोबल लीडर रेकिट ने ‘द बर्ड्स एण्ड बीज़ टॉक’ प्रोग्राम के दूसरे साल की शुरूआत की है, जिसे उत्तर-पूर्वी भारत के छह राज्यों- सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मेघालय, मणिपुर और मिज़ोरम में 10 से 19 वर्ष के किशोरों के लिए पेश किया गया है, तीन सालों में 2 मिलियन बच्चों तक पहुंचना इसका उद्देश्य है। दूसरे साल की शुरूआत के उपलक्ष्य में प्रोग्राम के तहत, थीम सोंग- ‘लैट्स टॉक अबाउट इट’ का भी लॉन्च किया गया।
पिछले साल मणिपुर, सिक्किम एवं अरूणाचल प्रदेश की राज्य सरकारों के सहयोग से लॉन्च किए गए बर्ड्स एण्ड बीज़ प्रोग्राम में 2 स्तरों का इंटरैक्टिव, एनीमटेड पाठ्यक्रम शामिल है, जो जीवन कौशल को कवर करते हुए समावेशन, जागरुकता, सहमति एवं सुरक्षा के मुख्य सिद्धान्तों पर काम करता है। दूसरे साल में प्रोग्राम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि कोविड महामारी के चलते लर्निंग एवं विकास में किसी तरह की रूकावट न आए।
प्रोग्राम के डिजिटल इकोसिस्टम में एक लर्निंग प्लेटफार्म शामिल है, जिसके तहत राज्यों के छात्रों के लिए विभिन्न सत्र आयोजित किए जाते हैं, स्कूलों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार एवं सम्मान कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, छात्रों एवं अध्यापकों को इस कंटेंट में सक्रियता से शामिल किया जाता है। एक एआई-इनेबल्ड चैटबोट ई-लर्निंग प्लेटफार्म को समर्थन देता है, इसके अलावा एक पॉडकास्ट चैनल एवं वेबसाईट प्रोग्राम को और अधिक आसान बनाते हैं। प्रोग्राम अपने समग्र दृष्टिकोण के तहत राज्य के समृद्ध संगीत, कला एवं संस्कृति को भी प्रोत्साहन देता है, साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि जब तक छात्रों की कक्षाएं नियमित रूप से न हों, तब तक उनके ज्ञान और पढ़ाई में किसी तरह की रूकावट न आए।
गौरव माह प्रोग्राम के लिए एक ऐसा अवसर है जो कम्युनिटी के बारे में जागरुकता बढ़ाता है और जानकारी, ज्ञान की कमी के कारण किशोरों एवं युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करता है। बिना किसी भेदभाव के उन्हें लर्निंग का मौका देता है और सही जानकारी प्रदान करता है।
गौरव जैन, एसवीपी, एसओए, रेकिट ने कहा, ‘‘बर्ड्स एण्ड बीज़ टॉक प्रोग्राम एक रंगीन अभियान है, जा कला, संगीत एवं सृस्कृति की क्षमता के द्वारा युवाओं एवं किशोरों को रोचक और सकारात्मक अनुभव प्रदान करत है। इसका गीत यह संदेश देता है कि विकास किस तरह से रोचक एवं सुरक्षित हो सकता है, यह ज्ञान की क्षमता के महत्व का संदेश देता है। इसके माध्यम से उत्तर-पूर्व में स्ळठज्फप् की युवा एवं किशोर आबादी को जागरुक बनाने के लिए तत्पर हैं।’’
अभियान को फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी रोलआउट किया जाएगा, मुख्य इन्फ्लुएन्सर्स इसे आम जनता के साथ जोड़ेंगे। अभियान में डिजिटल कंटेंट्स की एक सीरीज़ शामिल है, जो बड़ी संख्या में इसे दर्शकों तक पहुंचाएगी।