राष्ट्रीय बालिका दिवस पर फिल्म प्रभाग द्वारा विशेष स्क्रिनिंग

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर फिल्म प्रभाग द्वारा विशेष स्क्रिनिंग

मुंबई/कोलकाता: सम्पूर्ण भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। राष्ट्रीय बालिका दिवस के आयोजन का उद्देश्य बालिकाओं को हर सहयोग और अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना भी है ।  फिल्म प्रभाग द्वारा, बालिका सशक्तिकरण तथा बालिका शिक्षा और स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करनेवाली फिल्मों का प्रदर्शन राष्ट्रीय बालिका दिवस पर की ja रही है ।  कुल 6 फिल्मों का प्रसारण 24 जनवरी के दिन, 24 घंटे के लिए फिल्म प्रभाग की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर होगा, एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।

यह विशेष स्क्रीनिंग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा  ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह का हिस्सा है। स्क्रीनिंग के दौरान दिखायी जानेवाली फिल्में हैं-

चिमुकली – सेव द गर्ल चाइल्ड (2013 / सोनल ठाकुर)-इस फिल्म में भावनात्मक अपील द्वारा बालिकाओं को बचाने का संदेश दिया है। इस फिल्म में बालिका एक विनम्र काव्यात्मक अनुरोध करती है कि उसे जीने दें ताकि वह इस दुनिया में बदलाव लाएं। फिल्म बालिकाओं की सकारात्मकता, आशा और उनकी स्वीकृति को प्रस्तुत करती  है।

शिक्षा- भविष्य की आशा (1998 / अरुण गोंगडे)-यह एक संगीतमय लघु फिल्म हैं । यह एक गरीब कुम्हार की बेटी की कहानी है। जब वह पैदा हुई, तो उसके पिता ने यह मान लिया कि उसकी लड़की घर का सारा काम करेगी, लेकिन बाद में उसे अपनी बेटी में पढ़ने की ललक का एहसास हुआ और उसने उसे शिक्षित करने का फैसला किया।

प्रतिभा (1999/मुकेश चंद्र)-ग्रामीण भारत की पृष्ठभूमि पर आधारित एक वृत्तचित्र है जो हमारे समाज में एक बालिका के महत्व को दर्शाती है। यह एक कठोर संदेश भी देती है कि समान अवसरों के साथ लड़कियां किसी भी ऊंचाई को छू सकती है।

कुलदीपक (1995/कुमार सोहोनी)-यह फिल्म बालिकाओं को सशक्त बनाने के महत्व को दर्शाती है और बालिकाओं के सपनों की उपलब्धियों को भी रेखांकित करती है।

माय फेयरी – माय स्ट्रेंथ (1986/ कामिनी कौशल)-एक छोटी बच्ची बुलबुल की कहानी के माध्यम से यह फिल्म यह संदेश देती है की आत्म-सहायता और दृढ़ता के माध्यम से कुछ भी हासिल किया जा सकता है । छात्रा बुलबुल, चुनौती का सामना करते हुए अपने सपने को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त करती है।

रोशनी (1988/भीमसेन)-यह जीवन में अच्छे मूल्यों को विकसित करने पर आधारित सकारात्मकता का संदेश देनेवाली फिल्म है। फिल्म की नायिका प्रिया को हर विषम में अच्छा दिखने की आदत है। अपनी इस आदत के दम पर प्रिया अपने आस-पास के सभी लोगों का नजरिया बदलने में कामयाब हो जाती है।

इन फिल्मों के दृश्यावलोकन हेतू  फिल्म प्रभाग की वेबसाइट https://filmsdivision.org/पर लॉग ऑन करें और “डॉक्युमेंट्री ऑफ द वीक” पर क्लिक करें या फिर फिल्म प्रभाग के यूट्यूब चैनल https://www.youtube.com/user/FilmsDivision पर इस फिल्मों का अनुसरण करें।

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