नई दिल्ली: भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) द्वारा वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय के मार्गदर्शन में स्टैंड-अप इंडिया के अग्रणी राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गतस्थापित किए गए स्टैंडअप मित्र पोर्टल से यथा 30 सितंबर, 2020 तक 21,000 करोड़ रुपए के 96,000 से अधिक ऋण मंजूर किए जा चुके हैं, एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार।
सिडबी के उप प्रबंध निदेशक वी. सत्य वेंकट राव ने कहा “भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को डिजिटल पहुँच पर विशेष ज़ोर के साथ कार्यान्वित कर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के परिस्थिति की तंत्र को मजबूत बनाने का काम हमेशा सिडबी के प्रमुख प्रकार्यों में से एक रहा है। हमें खुशी है कि लगभग एक लाख उम्मीदवारों ने स्टैंड-अप इंडिया के तहत अपने नए उद्यम स्थापित करने का विकल्प चुना है। छूट गए ऐसे खानों/ खंडों को बढ़ावा देने और उनके सपनों को साकार करने के लिए हम आकांक्षी उद्यमियों को इस योजना पर विचार करने हेतु आमंत्रित करते हैं। हम दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) के माध्यम से स्वावलंबन संकल्प का समर्थन करने जैसे कदम उठा रहे हैं, जो एससी / एसटी खंडों को मुख्यधारा में लाने के मिशन का प्रतिनिधित्व करता है। इस पोर्टल के माध्यम सेहम स्वावलंबन को अपना पसंदीदा व्यवसाय बनाने के लिए देश के सभी खंडों और क्षेत्रों में समान पहुँच के मिशन को गहराई प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।”
समाज के सेवा-वंचित और अल्पसेवित वर्ग के उद्यमीयों को, किसी भी बैंक की शाखा में जाने की जरूरत के बिना, स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत ऋण के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने औरवित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इस पोर्टल को अप्रैल 2016 में शुरू किया गया था। स्टैंड-अप इंडिया योजना,सेवा से वंचित/ अल्पसेवित वर्ग की महिलाओं, अनुसूचित जाति (अ.जा.) और अनुसूचित जनजाति (अ.ज.जा.) के सदस्यों को अखिल भारतीय स्तर पर ऋण तक पहुँच सुनिश्चित करते हुए ग्रीनफील्ड (नए) उद्यम लगाने के लिए 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है।
आकांक्षी उद्यमियों की विभिन्न ऋण और मार्गदर्शी पहुँच से जुड़े पहलुओं को आसान बनाने और उद्यमियों को (बैंकों की 1.25 लाख शाखाओं से) ऋण के लिए आवेदन करने में मदद प्रदान करने जिससे वे (8,000+ सक्रिय हैंड होल्डिंग एजेंसियों से) हैंड होल्डिंग समर्थन और विश्वसनीय जानकारी प्राप्त कर सकें, इसमें यह पोर्टल सदा उनके साथ रहा है। भारत सरकार (जीओआई) द्वारा यह योजना अब वर्ष 2025 तक बढ़ा दी गई है।