कोलकाता: पीपीएफएएस म्युचुअल फंड ने पराग पारिख कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड लॉन्च करने की घोषणा की है। इस योजना का लक्ष्य मुख्यतः डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर नियमित आय हासिल करना है। इसके साथ ही इस फंड के एक निश्चित हिस्से का निवेश इक्विटी, इक्विटी से जुड़े साधन और रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट या इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स में भी किया जाएगा ताकि आय और पूँजी में इजाफा किया जा सके।
एनएफओ 7 मई 2021 को खुली है और एनएफओ बंद होने की तारीख 21 मई 2021 है। इस योजना के तहत न्यूनतम निवेश राशि 5,000 रुपये होगी और इसके ऊपर 1 रूपया के गुणक में निवेश किया जा सकेगा। निवेश के लिए यह स्कीम (योजना) 28 मई 2021 को पुन: खुलेगी। इस स्कीम के प्रदर्शन का मूल्यांकन क्रिसिल हाइब्रिड 85+15 कंजर्वेटिव इंडेक्स टीआरई के प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा। राजीव ठक्कर, रौनक ओंकार और राज मेहता इस स्कीम का प्रबंधन करेंगे।
पीपीएफएएस म्युचुअल फंड के सीईओ और चेयरमैन, नील पराग पारिख ने कहा, “हम डेट के मोर्चे पर पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड की अवधारणा को दोहराना चाहते हैं। विचार है एक ऐसा फ्लेक्सिबल मॉडल अपनाना जहाँ हमें ज्यादा विवश हुए बगैर बाज़ार के अवसरों का लाभ उठाने में आसानी हो सके। इस प्रकार, यह स्कीम अल्पकालिक, सरकारी बांड या उच्च लाभ जैसे किसी ख़ास प्रकार के दायरे में बंधी नहीं होगी। पराग पारिख कंजर्वेटिव हाइब्रिड फण्ड हमार डेट फंड ऑफरिंग होगी, जिसमें इक्विटी एक्सपोज़र, आरईआईटी और इन्वआईटी का अंश भी होगा। इस स्कीम को आप अपनी ऋण संबंधी ज़रूरतों के लिए ‘वन-स्टॉप-शॉप’ (एकमुश्त समाधान) के रूप में मान सकते हैं।”
पीपीएफएएस म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी राजीव ठक्कर ने कहा, “यह स्कीम लचीचे मॉडल पर आधारित होगी, जिसमें फंड मैनेजर संग्रहण और समायावधि संबंधित इंस्ट्रूमेंट के बीच निवेश का फैसला ले सकेंगे। इसमें सॉवरेन, राज्य सरकार, पीएसयू और कॉरपोरेट सिक्योरिटीज शामिल होंगे। साथ ही यह फंड 10 से 25% तक इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में भी निवेश करेगा। आवंटन को अंतर-पणन (आर्बिट्राज) के सहारे बढ़ाया या घटाया जा सकता है. यह स्कीम अपनी अस्तियों का 10% तक हिस्सा रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स की यूनिटों में भी निवेश कर सकेगा।”
डायरेक्ट और रेग्युलर प्लान दोनों में ही ग्रोथ और आय वितरण सह पूंजी निकासी का विकल्प होगा। आवंटन की तारीख के बाद से 10% यूनिट्स को निकाले जाने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। हालांकि, आवंटन की तिथि से एक साल की अवधि के भीतर 10% से अधिक यूनिट निकाले जाने पर 1% शुल्क लगेगा। आवंटन की तिथि से एक साल के बाद यूनिट को भुनाए जाने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। एसआईडी और अन्य योजना संबंधित जानकारी के लिए लोग https://amc.ppfas.com/ppchf/ पर लॉग ऑन कर सकते है।